बारिश में बहे किसानों के अरमान,माथे पर खिंची चिंता की लकीरें

punjabkesari.in Tuesday, Mar 08, 2016 - 12:23 AM (IST)

 पिहोवा : यूं तो किसान को देश केअन्नदाता के नाम से जाना जाता है परंतु आज उस अन्नदाता की हालत यह है कि वह बेमौसमी वर्षा, सूखे व फ सलों के पूरे दाम न मिलने जैसी दिक्कतों का सामना करते हुए अपने दिन काटने को मजबूर है। आज जब गेहूं की फ सल पकने को तैयार है तो गत 2 दिनों से हुई बे-मौसमी वर्षा, तेज हवाओं, ओलावृष्टि  से किसान के माथे पर चिंता की गहरी लकीरें खिंच गईं।

 
अपनी लाचार किस्मत के चलते तेज हवाओं व बेेमौसमी वर्षा के कारण खेतों मे धराशाई हुई अपनी गेहंू की फ सल को देख कर किसान अपना माथा पकड़ कर आंसू बहाने को मजबूर नजर आ रहा है। अन्नदाता अपने दुख की गाथा सुनाते हुए यह कहता पाया गया कि इस बेमौसमी वर्षा व तेज हवाओं ने उसकी फ सल को बर्बाद कर दिया है।
 
धरती पुत्र का दुर्भाग्य है कि जब फ सल तैयार होने को होती है तो इस प्रकार मौसम के  बदले तेवरो से वह समय की मार का शिकार हो जाता है। अन्नदाता को उम्मीद थी कि गेहंू की फ सल पकने के बाद वह उसे मंडी में बेच कर साहूकार के कर्ज से कुछ हद तक मुक्त हो पाएगा लेकिन इस बे-मौसमी वर्षा से उसे अपने सपने टूटते हुए नजर आ रहे हैं।
 
ओलावृष्टि ने किया फसलों को बर्बाद
 
गत शुक्रवार की सुबह भिवानी में आम लोगों के लिए काफी सुहावना मौसम लेकर आई, यहां हल्की बारिश ने लोगों के चेहरे पर खुशी तो ला दी लेकिन किसानों के लिए बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया। ओलावृष्टि से करीब आधा दर्जन गांवों की सैंकड़ों एकड़ सरसों और गेहूं की फसल खराब हो गई।
 
वहीं हरियाणा के कई जिलों में सैंकड़ों एकड़ फसल तबाह हो गई है। पहले से ही मौसम की मार झेल रहे किसानों की बारिश ने कमर ही तोड़ दी है। अब किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। 
 
तेज हवा और बारिश ने फरीदाबाद, पलवल, गुडग़ांव, सोनीपत, पानीपत और आसपास के क्षेत्रों में फसलों को भारी नुक्सान पहुंचाया है। बारिश ने अकेले भिवानी जिले के करीब आधा दर्जन गांवों के किसानों को बेहाल कर दिया है। इसके चलते किसानों ने डी.सी. से मुलाकात कर मुआवजा देने की मांग की है। 
 
पपोसा, जमालपुर, सिपर, बोहल, रोहणात व रतेरा गांवों में काफी नुक्सान 
 
दरअसल राजस्थान से लगते प्रदेश के सबसे बड़े भिवानी जिले में किसान अपनी फसलों की सिंचाई के लिए नहरी पानी की कमी के चलते बारिश पर निर्भर रहते हैं। महीनों से यहां के किसान रबी की फसल के लिए बारिश का इंतजार कर थक चुके थे, लेकिन तेज आंधी और ओलावृष्टि से जिले के बवानीखेड़ा क्षेत्र के पपोसा, जमालपुर, सिपर, बोहल, रोहणात व रतेरा आदि गांवों में काफी नुक्सान हुआ है।
 
गेहूं की सारी फसल हुई चौपट गोहाना में
 
 वहीं गोहाना और आसपास के गांवों में देर रात हुई बारिश से किसानों की गेहूं की सारी फसल चौपट हो गई। फसल खराब होने से किसानों को भारी नुक्सान हुआ है। बारिश और तेज हवाओं से खेतों में पानी भर गया है, जिससे किसानों की लगभग 80 प्रतिशत फसल पूरी तरह खराब हो गई है। किसान अब सरकार से फसल की गिरदावरी करवाकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि फसल लगभग पूरी तरह पक कर तैयार हो चुकी थी, लेकिन बारिश ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।
 
नुक्सान का आकलन करने में जुटे अफसर
 
गत 2 दिनों के दौरान प्रदेश में हुई बारिश के चलते कई हजार एकड़ फसल प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि, सरकारी स्तर पर अभी इसका कोई आकलन तैयार नहीं हो पाया है। सरकारी अधिकारी जिलों में नुक्सान की रिपार्ट तैयार करने में जुटे हैं, जो मंगलवार को राज्य मुख्यालय में भेजी जाएगी। इसके बाद सभी जिलों की रिपोर्ट्स को मिलाकर ही नुक्सान का आंकड़ा सामने आएगा। 
 
हरियाणा कृषि विभाग के एडीशनल डायरैक्टर सुरेश गहलोत के अनुसार इस बारिश से अगेती फसल को ज्यादा नुक्सान हुआ है। बारिश के साथ चली तेज हवाओं की वजह से अगेती फसलें गिर गईं। प्रदेश के फरीदाबाद और हिसार के कुछ क्षेत्रों में ओले भी गिरे थे, जिसकी वजह से यहां नुक्सान ज्यादा होने की संभावना है। इसके अलावा कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, कैथल और सिरसा में भी काफी फसल प्रभावित होने की आशंका है। 

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