सस्ती सोलर पावर का सपना होगा साकार

punjabkesari.in Saturday, Aug 12, 2017 - 07:22 PM (IST)

नई दिल्ली: देश में सोलर पावर सस्ती होने के बावजूद इसका सीधा लाभ कंज्यूमर्स को नहीं मिल पा रहा है। इसलिए केंद्र सरकार ने सोलर पावर प्लांट से टैरिफ  बेस्ड कम्पीटिटिव बिडिंग कराने का निर्णय लिया है ताकि लोगों को सस्ती सोलर पावर मिल सके। इसके लिए पावर मिनिस्ट्री ने गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। यह गाइडलाइंस ग्रिड कनैक्टेड सोलर पावर प्रोजैक्ट्स से बिजली खरीदने वाली कंपनियों के लिए जारी की गई हैं।

दरअसल सोलर पावर प्रोजैक्ट्स लगाने वाली कंपनियों के बीच ग्लोबल लैवल का कम्पीटिशन कराने से भारत में सोलर पावर के प्राइस में काफी कमी आई है और यह 3 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच चुका है, लेकिन इसका फायदा सीधे लोगों को नहीं मिल रहा है। अभी लोगों के लिए सोलर पावर की कीमत 7 से 8 रुपए प्रति यूनिट है क्योंकि बिजली वितरण करने वाली कंपनियां को सोलर पावर महंगी पड़ रही है। इसलिए अब सरकार ने कम्पीटिटिव बिडिंग कराने का निर्णय लिया है ताकि जहां से सस्ती वहां से खरीद कर लोगों को बिजली मुहैया कराई जा सके।

कितने साल का होगा एग्रीमैंट
इसके लिए डिस्कॉम्स को सोलर पावर प्लांट से पावर परचेज एग्रीमैंट करना होगा। गाइडलाइंस के मुताबिक डिस्कॉम्स को कम से कम 25 साल पावर परचेज एग्रीमैंट करना होगा। गाइडलाइंस में कहा गया है कि टैरिफ  बेस्ड कम्पीटिटिव बिडिंग कम से कम 5 मैगावाट की होगी। यानी खरीददार को कम से कम 5 मैगावाट के लिए बिडिंग करनी होगी।

ट्रेडर्स भी कर सकेंगे खरीददारी
गाइडलाइंस जारी होने के बाद कोई मध्यस्थ खरीददार (ट्रेडर्स) भी सोलर पावर प्रोड्यूसर से बिजली खरीद सकेंगे। यह ट्रेडर्स पावर सप्लाई करने वाली कंपनियों को बिजली बेच सकते हैं। पावर मिनिस्ट्री द्वारा जारी नोटीफिकेशन में उम्मीद जताई गई है कि इससे पावर परचेज प्रोसैस में ट्रांसपेरैंसी आएगी, जिसका कंज्यूमर्स को फायदा मिलेगा। इतना ही नहीं, ट्रेडर्स के अलावा घरों में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों में टैरिफ  बेस्ड कम्पीटिटिव बिडिंग में हिस्सा ले सकती हैं। 


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