बंबई HC ने सरकार को लिया आड़े हाथ, GST के ''लचर'' रवैये पर लगाई फटकार

punjabkesari.in Saturday, Feb 10, 2018 - 05:15 PM (IST)

नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद करदाताओं को हुई असुविधाओं के लिए बंबई उच्च न्यायालय ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। इस संबंध में एक करदाता की याचिका पर न्यायालय ने तीखे शब्दों में कहा कि जी.एस.टी. प्रणाली करदाताओं के लिए सरल नहीं है, इसलिए उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एक ढांचा तैयार किया जाना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था देश की छवि और प्रतिष्ठï को नुकसान पहुंचा रही है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसे समय में जब देश खुले दिमाग से विदेशी निवेशकों का स्वागत कर रहा है, जीएसटी के बाद पेश आई दिक्कतें दूर करने के लिए एक ढांचा तैयार करना अति आवश्यक हो गया है।  रोबोटिक एवं ऑटोमेशन उपकरण कंपनी एबिकॉर ने एक रिट याचिका दायर की थी। कंपनी ने इसमें जीएसटी नेटवर्क पर पंजीयन और कर चुकाने में आई कठिनाइयों का जिक्र किया। जीएसटी नेटवर्क नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिए सूचना-प्रौद्योगिक ढांचा मुहैया करा रहा है।

न्यायालय ने इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने में पेश आ रही दिक्कतों पर भी चिंता जताई। न्यायालय ने कहा, 'जीएसटी का खूब प्रचार हुआ और इसे लोकप्रिय करार दिया गया। अगर करदाताओं को जीएसटी से जुड़ी वेबसाइटों और इसके पोर्टल तक आसानी से पहुंचने में असुविधा हो रही है तो संसद का विशेष सत्र और जीएसटी परिषद की असाधारण बैठक बुलाने का कोई औचित्य नहीं है।' अब जीएसटी क्रियान्वयन को आठ महीने हो पूरे हो चुके हैं, लेकिन उद्योग जगत रिटर्न जमा करने, इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने और इलेक्ट्रॉनिक वे (ई-वे) बिल आदि से जुड़ी दिक्कतों की शिकायतें कर रहे हैं।

तकनीकी दिक्कतें आने की खबरों के बीच सरकार को देश भर में ई-वे बिल लागू होने के पहले ही दिन इसे अगले निर्देश तक के लिए टाल दिया। उद्योग जगत को अब भी ट्रांजिशनल क्रेडिट और इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड मिलने का इंतजार है। जीएसटी लागू होने से पहले जमा भंडार पर ट्रांजिशनल क्रेडिट 1.3 लाख करोड़ रुपए है। 


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