स्कूटर ने दिया कम माइलेज, अब कंपनी भुगतेगी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2017 - 10:07 AM (IST)

अहमदाबाद: अब ऑटोमोबाइल कंपनियों को विज्ञापन करते वक्त वाहन का माइलेज बताते हुए बेहद सतर्कता बरतनी होगी। डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कोर्ट ने ऑटो कंपनी को अपने व्हीकल में सुधार कर उसे बताए गए माइलेज देने जितना सक्षम बनाने को कहा है। कोर्ट का कहना है कि वाहन के माइलेज को लेकर जो वायदा कंपनी ने किया है उसे वह पूरा करना होगा।

क्या कहना है कंज्यूमर कोर्ट का
कोर्ट ने कंपनी को कहा, ‘‘अगर बाइक रिपेयर होने के बाद भी 62 कि.मी. का माइलेज देने में अक्षम है तो ग्राहक को उसके पैसे रिफंड किए जाएं। कंपनी को ग्राहक को हर्जाने के तौर पर 10,000 रुपए अतिरिक्त अदा करने को कहा गया है। कोर्ट ने कहा कि अगर ग्राहक माइलेज से संतुष्ट नहीं है तो कंपनी को इसकी एवज में 52,000 रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने होंगे।

यह है मामला
राजकोट सिटी के वरिष्ठ नागरिक गुवंत मेहता ने सितम्बर 2014 में टी.वी.एस. जुपिटर 52,150 रुपए में एक लोकल शोरूम से खरीदा था। कंपनी ने यह कहकर स्कूटर बेचा था कि यह 62 कि.मी. प्रति लीटर का माइलेज देता है। मेहता इसके माइलजे से असंतुष्ट रहे। उन्होंने बताया कि इसने कभी इतना माइलेज दिया ही नहीं। उन्होंने बताया कि लगातार सर्वसेज के बावजदू इसके माइलेज में कोई सुधार देखने को नहीं मिला। कंपनी और शोरूम से बातचीत के बाद मेहता राजकोट कंज्यूमर कोर्ट पहुंच गए और स्कूटर के बताए गए माइलेज न देने की एवज में पैसे वापस करने का दावा ठोक दिया। इसके अलावा उन्होंने 54,000 रुपए पैट्रोल खर्चे के रूप में मांगे हैं जो उन्होंने अब तक इस पर खर्चे हैं।

सुनवाई के दौरान कंपनी ने स्कूटर के माइलेज को लेकर एक रिपोर्ट सौंपी। इसमें मई 2015 में माइलेज 43 कि.मी. प्रति लीटर रहा, सितम्बर 2015 में 55 कि.मी. प्रति लीटर रहा और मार्च 2016 में 65.51 कि.मी. प्रति लीटर रहा। मेहता ने 65.51 कि.मी. प्रति लीटर वाले आंकड़े पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यह 45 कि.मी. प्रति लीटर ही था। कोर्ट ने मेहता से स्कूटर रिपेयर के लिए सौंपने का आदेश दिया और इसे कंपनी के जनरल मैनेजर द्वारा सर्टीफाई कर वापस लेने की बात कही।


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