RERA के मामले दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने पर SC लेगा फैसला

punjabkesari.in Thursday, Aug 31, 2017 - 12:01 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट रियल इस्टेट (नियमन और विकास) कानून की वैधानिकता को चुनौती देते हुए विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की केन्द्र की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई के लिए तैयार हो गया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव राय और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सरकार की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल मनिन्दर सिंह ने इसका उल्लेख करते हुए कहा कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में इस कानून की वैधानिकता को चुनौती देने वाली 21 याचिकाएं लंबित हैं। उन्होंने पीठ से अनुरोध किया कि इन सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में निर्णय के लिए स्थानांतरित कर दिया जाए।
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4 सितंबर को होगी सुनवाई
पीठ ने इससे सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इस याचिका पर चार सितंबर को सुनवाई की जाएगी। संसद द्वारा पारित किए जाने के एक साल बाद इस साल एक मई से रेरा कानून प्रभावी हो गया है। इस कानून के खिलाफ दायर याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय ने हाल ही में केन्द्र सरकार से जवाब मांगा था। इस कानून के अनुसार अब डिवलपर्स को 31 जुलाई तक की सभी परियोजनाओं को रियल इस्टेट नियमन प्राधिकरण के यहां पंजीकृत कराना अनिवार्य है। किसी भी अपंजीकृत परियोजना को नियामक अनधिकृत परियोजना मानेंगे। रेरा के तहत प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश में उनका अपना नियामक प्राधिकरण होगा जो इस कानून के अनुसार नियम तैयार करेगा। रेरा के दायरे में पहले से चल रही परियोजनाएं, जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं या उन्हें पूरा होने संबंधी प्रमाण पत्र नहीं मिला है, के साथ ही नई शुरू की गई परियोजनाएं आती हैं। बिल्डर्स के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी परियोजना को प्राधिकरण में पजीकृत कराए बगैर कोई भूखण्ड, अपार्टमेन्ट या इमारत खरीदने, बेचने अथवा बुक कराने के लिए लोगों को आमंत्रित नहीं करें।      

 


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