NCR और दिल्ली में रेरा लागू, रियलटी मार्कीट बुरी तरह से गिरी

punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2017 - 11:34 AM (IST)

नई दिल्लीः केन्द्र सरकार के रेरा पर नोटिफिकेशन के बाद से रियलटी मार्कीट में बुरी तरह से गिरावट देखी गई है। आलम यह है कि मौजूदा समय में जहां बिल्डर को रेरा के बाद काम में तेजी लानी चाहिए थी वहीं अब अधिकांश प्रोजैक्टों को रोक दिया गया है। यही नहीं हाल में यू.पी. के सी.एम. द्वारा क्रेडाई और रियलटी डिवैल्परों को दी गई चेतावनी का असर देखा गया है। गौतमबुद्ध प्रशासन ने जिस सख्ती से हाल में आम्रपाली ग्रुप के दो सीनियर अधिकारियों को सलाखों के पीछे डाला, उससे बिल्डरों में भय का माहौल  है, जिसके चलते वे नए प्रोजैक्टों को रोक अपने पुराने प्रोजैक्टों की रफ्तार को सुधारने में लग गए हैं।

रियलटी सैक्टर में डर का माहौल
हाल में जारी जे.एल.एल. की रिपोर्ट के दावे के मुताबिक जिस भी स्टेट  में रेरा लागू हो गया है और वह कार्य करने लगा है वहां डिवैल्परों ने अपना का काम बंद कर दिया है। रेरा को लेकर जहां रियलटी सैक्टर में एक भय का माहौल है वहीं लोग भी असमंजस में हैं कि आखिरकार रेरा के आने से उन्हें कितना फायदा मिलेगा। दूसरी तरफ केन्द्र सरकार ने साफ कर दिया है कि जिस भी राज्य में रेरा कमेटी का गठन हो गया है, वहां पर अब रेरा की मंजूरी के बिना कोई प्रोजैक्ट नहीं होगा।
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रेरा के दायरे से बाहर होंगे एन.सी.आर. में जारी ज्यादातर रियल एस्टेट प्रोजैक्ट्स                                                                                     
आपको जानकर हैरानी होगी कि रेरा में दिल्ली और एन.सी.आर. के अधिकांश प्रोजैक्ट नहीं आएंगे। अधिकारियों के मुताबिक गुडग़ांव  में 90 प्रतिशत तथा यू.पी. के नोएडा में 55 प्रतिशत प्रोजैक्ट इस कानून के दायरे से बाहर होंगे। यही नहीं यह भी मायूस होने वाली बातें हैं कि नोएडा ग्रेनो के करीब दो लाख उपभोक्ता जो रेरा के आने के बाद राहत महसूस कर रहे थे, उनके प्रोजैक्ट अब पूरे हो जाएंगे और जल्द ही उन्हें आशियाना मिल जाएगा, लेकिन अभी ऐसा नहीं होगा। हालांकि, इसके लिए हरियाणा और यू.पी. सरकार दोनों ही मिलकर नई गाइडलाइन की तैयारी कर रही हैं, जिससे जो प्रोजैक्ट इसके दायरे में नहीं आ रहे हैं उन्हें इसके दायरे में लाया जा सके। एक्सपर्टों के मुताबिक उत्तर प्रदेश और हरियाणा ने रियल एस्टेट (रैगुलेशन एंड डिवैल्पमैंट) एक्ट में अभी तैयार हो रहे प्रोजैक्ट्स को शामिल करने का एक समान पैमाना ही अपनाया।
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तय समय के बाद भी नहीं मिल रहा पजैशन
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुल 82 प्रोजैक्ट्स चल रहे हैं। दोनों राज्यों में जिन परियोजनाओं के लिए ऑक्युपैंसी सर्टीफिकेट्स जारी हो चुके हैं या जिनके लिए आवेदन किए जा चुके हैं, उन्हें रेरा के दायरे से बाहर रख दिया गया है। एक्सपर्टों के मुताबिक  नोएडा और गुडग़ांव में 70 प्रतिशत से ज्यादा प्रोजैक्टों में पजैशन की समस्या है। ये प्रोजैक्ट 90 प्रतिशत से ज्यादा बन चुके हैं। बिल्डर इसमें पजैशन के लिए लोगों को लैटर भी लिख चुके हैै। ये प्रोजैक्ट रेरा के दायरे में नहीं हैं लेकिन खरीदारों की यह दिक्कत है कि उन्हें लैटर तो मिले हैं पर तय समय के बाद भी उन्हें पजैशन नहीं मिल रहा है। बताया जाता है कि बिल्डर ने पार्ट कंप्लीशन का गेम खेलते हुए अपने प्रोजैक्टों को रेरा से बाहर करवा लिया है।      


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