नई बाइक खराब होने पर रिप्लेस नहीं की, कम्पनी देगी 1.16 लाख रुपए हर्जाना

punjabkesari.in Monday, Jul 17, 2017 - 10:17 AM (IST)

दुर्ग: बाइक खरीदने के कुछ माह बाद करंट सप्लाई बंद होने और इंजन में कम्पन आने की शिकायत को दूर नहीं करने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने 1 लाख 16 हजार रुपए हर्जाना देने का निर्देश दिया है। उक्त राशि अनाल होंडा सुपेला, प्रबंधक होंडा बाइक व स्कूटर इंडिया लिमिटेड और प्रबंधक जी.के. आटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड को देनी होगी। कुल राशि में 61 हजार रुपए बाइक कीमत, 50 हजार रुपए हर्जाना और 5000 रुपए वाद व्यय शामिल है।

यह है मामला 
विमल कुमार स्वर्णकार ने 11 जनवरी, 2015 को बाइक खरीदी थी। एक माह तक बाइक में किसी तरह की कोई समस्या नहीं थी। फरवरी माह में उसमें करंट आना बंद हो गया। सर्वसिंग के दौरान समस्या बताने पर क्वाइल को बदलते हुए इंजन का कम्पन चैक किया। सॄवग करने वाले ने कहा कि 1500 किलोमीटर चलाने के बाद इंजन का कम्पन अपने आप बंद हो जाएगा लेकिन कम्पन बंद नहीं हुआ। कस्टमर केयर में शिकायत करने पर अनाल होंडा से फोन आया कि 27 मार्च, 2015 को बाइक लेकर वर्कशॉप पहुंचें। ड्यूटी के कारण निर्धारित दिन में वह नहीं पहुंच पाया। बाद में संपर्क  करने पर जानकारी दी गई कि इंजीनियर कब आएगा इसकी जानकारी नहीं। बाद में दोबारा बुलाकर कार्बोरेटर बदलकर उसे वापस भेज दिया। परिवादी का कहना था कि वह बाइक से रायपुर जा रहा था कि अचानक करंट सप्लाई बंद होने से इंजन बंद हो गया। बाइक के अचानक बंद होने से गंभीर दुर्घटना होने से बच गई।

यह कहा फोरम ने
फोरम ने कहा कि सुनवाई के दौरान एजैंसी ने तर्क प्रस्तुत किया कि परिवादी ने बाइक की प्रथम सर्वसिंग करवाने के दौरान किसी तरह की समस्या नहीं बताई। समस्या बताने पर नि:शुल्क क्वाइल को बदला गया। साथ ही कार्बोरेटर को भी बदला गया। परिवादी ने बाइक में पुराना लैगगार्ड लगा रखा था। सही तरीके से नहीं लगने के कारण अन्य समस्या आ रही थी लेकिन फोरम ने इस तर्क पर असंतुष्टि जताते हुए यह मामला सेवा में कमी का पाया। उसने अपने फैसले में आटो एजैंसी को मोटरसाइकिल की कीमत के अलावा 50,000 रुपए हर्जाना व 5000 रुपए वाद खर्च देने का आदेश सुनाया। 


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