राष्ट्रपति ने किया कृषि संबंधी कारोबार के लिए नवाचार केंद्र बनाने का आह्वान

punjabkesari.in Friday, Feb 09, 2018 - 04:24 PM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में कृषि संबंधित व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कृषि शोध संस्थान (आई.ए.आर.आई.) से आज नवाचार एवं इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर काम कर रही है। कोविंद ने आई.ए.आर.आई. के 56वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि युवा वैज्ञानिकों एवं कृषि-स्नातकों को कृषि क्षेत्र में अब भी मौजूद उन संभावनाओं का दोहन करना चाहिए जो अब तक अछूते रहे हैं। उन्होंने देश को खाद्य मामले में आत्मनिर्भर बनाने में आई.ए.आर.आई. के प्रयासों की भी सराहना की।

2022 तक दोगुनी होगी किसानों का आय
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को बदलाव का वाहक बनने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें कृषि समुदाय के कल्याण में योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी ने कहा था कि कृषि देश की अर्थव्यवस्था का स्तंभ है। देश की प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आय बेहतर करना है।’’ उन्होंने कहा कि देश 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर काम कर रहा है और विद्यार्थियों में इसे प्राप्त करने में योगदान देने की क्षमता है। राष्ट्रपति ने स्नातक पूरा कर रहे विद्यार्थियों को कृषि-उद्यमी बनने का सुझाव देते हुए कहा कि उन्हें कृषि क्षेत्र में अपनी कंपनी शुरू करने के लिए मुद्रा जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘विद्यार्थियों को कृषि संबंधित व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए संस्थान को नवाचार एवं इनक्यूबेशन केंद्र बनाने की जरूरत है। कृषि संबंधित कारोबार शुरू करने में मदद के लिए कई योजनाएं भी शुरू की गयी हैं। उदाहरण के लिए मुद्रा योजना के तहत ऋण मुहैया कराया जाता है और पूंजी निवेशकों को भी निवेश के लिए आगे आना चाहिए।’’

विद्यार्थियों का बढ़ाया हौसला
राष्ट्रपति ने कहा कि सीमित प्राकृतिक संसाधनों तथा बढ़ती आबादी के मद्देनजर नवाचार पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘बीज से लेकर बाजार तक नवाचार की काफी संभावनाएं हैं। विद्यार्थी इसमें काफी योगदान दे सकते हैं। आपके अंदर बदलाव का वाहक बनने की क्षमता है।’’ उन्होंने शोध कार्यों तथा बीजों की विविधता के लिए आई.ए.आर.आई. का आभार जताते हुए कहा कि देश खाद्य आयातक से निर्यातक बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस संस्थान से पढ़ कर गए कई विद्यार्थियों ने कृषि को ही अपना पेशा बनाया और वे काफी अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने बेहतर प्रौद्योगिकी अपनायी और वे अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित करेंगे।’’ 


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