नौकरी पेशा लोगों को मिली राहत, अब नहीं घटेगा PF

punjabkesari.in Sunday, May 28, 2017 - 02:04 PM (IST)

नई दिल्लीः नौकरी पेशा लोगों के लिए राहत की खबर है, अब उनका पी.एफ नहीं घटेगा। पहले ये खबर सामने आई थी कि कर्मचारियों के पी.एफ में योगदान को 12 प्रतिशत से घटा कर 10 किया जा सकता है। इससे कर्मचारियों की कैश इन हैंड सैलरी तो बढ़ जाती पर पी.एफ में योगदान कम हो जाता जिसका सीधा मतलब है कि उनकों रिटायर के बाद कम फंड मिलता पर अब एेसा नहीं होगा। रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( ई.पी.एफ.ओ.) ने श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए पी.एफ. में अनिवार्य योगदान को कम कर 10-10 प्रतिशत तक करने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। वर्तमान में कर्मचारी और नियोक्ता, एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड स्कीम (ई.पी.एफ.), एंप्लॉयी पेंशन स्कीम (ई.पी.एस.) और एंप्लॉयी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (ई.डी.एल.आई) के तहत मूल आय का 12-12 प्रतिशत राशि जमा करते हैं, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इन कारणों के चलते प्रस्ताव हुआ खारिज
इस प्रस्ताव के खारिज होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि कर्मचारी और नियोक्ताओं की यूनियनों के अलावा कई राज्य सरकारों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। ई.पी.एफ.ओ. के एक ट्रस्टी और भारतीय मजदूर संघ के नेता पीजे बनसार ने कहा था कि वे इस प्रस्ताव का विरोध करेंगे। उनका मानना था कि यह फैसला मजदूरों के हित में नहीं है। ऐसे में विरोध को देखते हुए ईपीएफओ ने शनिवार को हुई बैठक में इस प्रस्ताव के खारिज कर दिया। इस प्रस्ताव के पीछे दलील दी जा रही थी कि इस कदम से कर्मचारियों के पास खर्च के लिए ज्यादा पैसे होंगे, जिससे नियोक्ता की जिम्मेदारी कम होगी और आखिर में यह अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित होगा।

कर्मचारी को कैसे होगा फायदा
अनिवार्य योगदान में कटौती से कर्मचारियों को चार प्रतिशत का लाभ होगा। वर्तमान में नियोक्‍ता और कर्मचारी बेसिक सैलरी का 24 प्रतिशत अनिवार्य योगदान करते हैं। यह घटकर 20 प्रतिशत रह जाएगा। इससे कर्मचारी को हाथ में मिलने वाले वेतन में वृद्धि होगी और वह ज्‍यादा खर्च कर पाएगा। इससे देश की अर्थव्‍यवस्‍था को भी कुछ गति मिलेगी।

 

 


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