नए फसल वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन के नए रिकॉर्ड को छूने की संभावना

punjabkesari.in Monday, May 22, 2017 - 05:04 PM (IST)

नई दिल्ली: कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि जुलाई से शुरु होने वाले फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्न उत्पादन के नए रिकॉर्ड को छूने की संभावना है। लगातार दूसरे वर्ष इस बार भी मानसून सामान्य रहने की मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बीच उन्होंने खाद्य उत्पादन का नया कीर्तिमान स्थापित होने की यह उम्मीद जताई है। चालू फसल वर्ष 2016-17 में खाद्यान्न उत्पादन के 27 करोड़ 33.8 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने की संभावना है क्योंकि दो वर्षो के सूखे के बाद मानसून बेहतर रहा था। वर्ष 2015-16 में फसल उत्पादन 25 करोड़ 15.7 लाख टन का हुआ था। इससे पूर्व का रिकॉर्ड वर्ष 2013-14 का 26 करोड़ 50.4 लाख टन का हुआ था। खाद्यान्नों में धान, गेहूं, मोटे अनाज और दलहन शामिल हैं।

खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर होने की उम्मीद
कृषि विभाग के पिछले तीन सालों की उपलब्धियों को साझा करते हुए सिंह ने कहा, मौसम विभाग ने इस वर्ष सामान्य मानसून होने की भविष्यवाणी की है। अगर मानसून बेहतर है, तो मुझे पूरा भरोसा है कि खाद्यान्न उत्पादन फिर से रिकॉर्ड स्तर का होगा तथा कृषि व दर को 4.4 प्रतिशत से अधिक ले जाएगा जो दर वर्ष 2016-17 में हासिल हुई थी। सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष मौसम विभाग ने मौसम की एकदम सटीक भविष्यवाणी की थी और हमें उम्मीद है कि इस वर्ष भी यह सटीक साबित होगा। उन्होंने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून कृषि उत्पादन और आर्थिक वृद्धि दर के लिए काफी महत्वपूर्ण है। दक्षिण पश्चिम मानसून ने तीन दिन पहले ही 14 मई को अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में दस्तक दी थी तथा सामान्य मानसून की भविष्यवाणी के कारण कृषि क्षेत्र की विकास दर चार प्रतिशत होने की उम्मीद है।

सरकार ने खरीफ बुवाई के लिए की तैयारी
धान और दलहनों जैसी खरीफ फसलों की बुवाई का काम दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरु होता है। इस आयोजन के मौके पर कृषि सचिव शोभना के पटनायक ने कहा, हमारी न्यूनतम उम्मीद इस वर्ष के रिकॉर्ड उत्पादन को लांघने की है। कृषि मंत्रालय फसल विशेष संबंधी अनुमानों को मौसम विभाग की अगले माह जारी होने वाली मानसून के संबंध में दूसरी भविष्यवाणी के आधार पर करेगा। उन्होंने कहा कि इस बीच सरकार ने खरीफ बुवाई के लिए बीज, उर्वरकों और अन्य संसाधनों की व्यवस्था कर रखी है जो बुवाई जुलाई से पूरे जोर पर चलेगी।


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