NPA: RBI ने सख्त किए नियम, कई स्कीमों को लिया वापस

punjabkesari.in Wednesday, Feb 14, 2018 - 03:31 AM (IST)

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ  इंडिया (आर.बी.आई.) ने बैंकों में बढ़ते नॉन प्रोफाॄमग एसैट्स (एन.पी.ए.) से निपटने के लिए सख्त कदम उठाया है। आर.बी.आई. ने बैड लोन रैजोल्यूशन के लिए नियमों को सख्त करते हुए बड़े एन.पी.ए. निपटाने के लिए समय-सीमा तय कर दी है। इसके तहत बैंकों को इन खातों को दिवालिया कार्रवाई के तौर पर मानना अनिवार्य हो जाएगा। आर.बी.आई. ने लोन रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम्स कार्पोरेट डेट रिस्ट्रक्चरिंग (सी.डी.आर.), स्कीम फार सस्टेनेबल स्ट्रक्चरिंग ऑफ स्ट्रैस्ड एसेट्स (एस4ए), स्ट्रैटेजिक डेट रिस्ट्रक्चरिंग सहित अन्य कई स्कीम्स को निरस्त कर दिया है। 

बड़े कर्ज मामलों का करें खुलासा 
आर.बी.आई. ने विभिन्न रैजोल्यूशन प्लांस की परिभाषा जारी की है और वित्तीय दिक्कतों की सांकेतिक लिस्ट दी है। साथ ही, बैंकों को निर्देश दिया है कि वह चुङ्क्षनदा डिफाल्ट कर्जधारकों पर बने डाटा को आर.बी.आई. के साथ हर शुक्रवार को शेयर करे। बड़े खाते ऐसे हैं जिन्हें बैंकों ने रैजोल्यूशन में डाल दिया है और उन्हें रीस्ट्रक्चर्ड स्टैंडर्ड एसैट्स के तौर पर देखा जा रहा है। 

180 दिन के भीतर लिया जाएगा फैसला 
भारतीय बैंकों में इस वक्त 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा फंसे कर्ज हैं। अगर कोई कम्पनी दिवालिया हो चुकी है तो 180 दिन के भीतर उसे बंद करने का निर्णय भी लिया जा सकता है। इसके अलावा दूसरे जो एन.पी.ए. हैं उन पर भी 6 महीने के भीतर प्लान सौंपा जाएगा। 

12 बैंकरप्सी खातों की पहचान 
आर.बी.आई. ने 12 बैंकरप्सी खातों की पहचान की है जिन पर देश के सभी बैंकों का करीब 25 प्रतिशत एन.पी.ए. है। अब इन 12 खातों पर इंसॉल्वैंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत कार्रवाई होगी यानी अब बैंक इन खाताधारकों से आसानी से पैसा वसूल पाएंगे।


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