MDR घटाने से बैंकों को होगा नुक्सान

punjabkesari.in Friday, Dec 08, 2017 - 10:34 AM (IST)

मुम्बई: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डैबिट कार्ड पर मर्चैंट डिस्काऊंट दर (एम.डी.आर.) घटाने से एच.डी.एफ.सी. और एक्सिस जैसे भुगतान पाने वाले बैंकों को लघु अवधि में नुक्सान होगा। डैबिट कार्ड लेन-देन बढऩे से अल्पकाल में इनके नुक्सान की भरपाई संभव नहीं है। विश्लेषकों ने यह राय व्यक्त की है।

घरेलू ब्रोकरेज कंपनी कोटक सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा, ‘‘निकट भविष्य में शुल्क में कटौती से लेन-देन मात्रा बढऩे के बावजूद एक्सिस, एच.डी.एफ.सी., आई.सी.आई.सी.आई. और एस.बी.आई. जैसे कई बैंकों के कार्ड से मिलने वाले भुगतान पर इसका नकारात्मक असर होगा।’’ बैंक फिलहाल कार्ड के जरिए 2000 रुपए तक की खरीदारी अथवा भुगतान पर 0.75 प्रतिशत शुल्क लेते हैं जबकि अन्य के लिए एक प्रतिशत शुल्क काटने की अनुमति होती है। कल जारी नए दिशा-निर्देश 1 जनवरी से लागू होंगे।

छोटे कारोबारियों से वसूला जाएगा 0.40 प्रतिशत शुल्क
केंद्रीय बैंक की ताजा अधिसूचना के अनुसार 20 लाख रुपए तक के सालाना कारोबार वाले छोटे कारोबारियों से होने वाली खरीदारी पर एम.डी.आर. शुल्क 0.40 प्रतिशत तय किया गया है जिसमें प्रति सौदा शुल्क की अधिकतम सीमा 200 रुपए रहेगी। यह शुल्क डैबिट कार्ड से ऑनलाइन या पी.ओ.एस. के जरिए लेन-देन पर लागू होगा। वहीं क्यू.आर. कोड आधारित लेन-देन में भुगतान स्वीकार करने पर शुल्क 0.30 प्रतिशत रहेगा और इसमें प्रति सौदा 200 रुपए शुल्क की सीमा होगी।

20 लाख से अधिक पर होगा 0.90 प्रतिशत
अगर किसी मर्चैंट इकाई का सालाना कारोबार 20 लाख रुपए से अधिक है तो एम.डी.आर. शुल्क 0.90 प्रतिशत होगा और इसमें प्रति लेन-देन 1000 रुपए तक की अधिकतम शुल्क सीमा होगी। इसमें क्यू.आर. कोड के जरिए लेन-देन पर शुल्क 0.80 प्रतिशत व अधिकतम शुल्क राशि 1000 रुपए ही रहेगी। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी.पी. कानूनगो का कहना है कि इस कदम से डैबिट कार्ड लेन-देन बढ़ेगा। एम.डी.आर. शुल्क कोई बैंक डैबिट व क्रैडिट कार्ड सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए व्यापारिक इकाई पर लगता है।


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