जेपी ग्रुप से प्रॉपर्टी खरीदने वालों को झटका, कंपनी हुई दिवालियां घोषित

punjabkesari.in Thursday, Aug 10, 2017 - 07:26 PM (IST)

नई दिल्लीः देश की बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में शुमार जेपी इंफ्राटेक जल्द ही दिवालिया घोषित कर दी जाएगी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल(एनसीएलटी) के इलाहाबाद ब्रांच ने गुरुवार को आई.डी.बी.आई. बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया कंपनी की श्रेणी में डाल दिया है। एन.सी.एल.टी. अब जेपी इंफ्राटेड को दिवालिया घोषित होने के बाद की कार्रवाई और उसकी संपत्तियों के मूल्यांकन के लिए 7 अकाउंटिंग कंपनियों में से एक को जिम्मा देगी, जो जेपी इंफ्राटेक को कर्ज देने वालों के साथ कर्ज चुकाने की संभावनाओं पर रास्ता निकालेगी।

270 दिनों में सुधारनी होगी कंपनी की वित्तीय स्थिति
8,365 करोड़ रुपये के कर्ज में फंसी कंपनी को अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए अब 270 दिनों का समय दिया जाएगा यदि इस बीच कंपनी की वित्तीय स्थिति नहीं बदली तो उसकी संपत्ति जब्त हो जाएगी। यह उन हजारों लोगों के लिए भी बड़ा झटका है जिन्होंने जेपी समूह में निवेश किया है।

कंपनी पर 8 लाख 35 करोड़ का कर्ज
जेपी इंफ्राटेक जयप्रकाश एसोसिएट्स की मुख्य बड़ी कंपनियों में से एक है। जयप्रकाश एसोसिएट्स का इस कंपनी में 71.64 फीसदी का हिस्सा है। जेपी ग्रुप पर करीब 8 हजार 35 करोड़ रुपए का कर्ज है, जिसमें सबसे ज्यादा कर्ज आई.डी.बी.आई. बैंक का है। आई.डी.बी.आई. बैंक की याचिका पर ही एन.सी.एल.टी. ने ये फैसला सुनाया है। इस फैसले की सबसे ज्यादा मार उन लोगों पर पड़ी है, जिन्होंने जेपी ग्रुप से कोई प्रॉपर्टी खरीदी है और उसकी डिलीवरी नहीं मिली है।

आपको बता दें कि जेपी ग्रुप गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, आगरा में 5 टाउनशिप बना रहा है। इन बड़ी परियोजनाओं में हजारों घर, पेंट हाउस, प्लॉट्स, स्कूलों की जगह है। जेपी ग्रुप ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे ही हजारों फ्लैट्स बना रहा है। जेपी ग्रुप ने ही यमुना एक्सप्रेसवे के निर्माण का ठेका लिया था, जिसकी लागत 128.39 बिलियन रुपए आई। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में ही जेपी बिल्डर्स ने रेसिंग ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम समेत तमाम बड़े निर्माण कार्यों को अंजाम दिया है।


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