नोटबंदी के बाद बढ़ा वित्तीय परिसंपत्तियों में निवेश : आचार्य
punjabkesari.in Saturday, Jul 22, 2017 - 07:11 PM (IST)
नई दिल्लीः रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने आज कहा कि नोटबंदी के बाद से म्युचुअल फंड तथा बीमा में घरेलू निवेश में अचानक तेजी आई है। उन्होंने सातवें दिल्ली इकोनॉमिक्स कॉनक्लेव में नकदी का भविष्य विषय पर आयोजित एक सत्र के दौरान कहा कि देश के लोग परंपरागत तौर पर अपनी बचत का इस्तेमाल जमीन और सोना खरीदने में करते रहे हैं। घरेलू बचत का 80 प्रतिशत रियलिटी में और 10 प्रतिशत सोने में निवेश किया जाता है, लेकिन, नोटबंदी के बाद इसमें अचानक बदलाव आया है। वित्तीय परिसंपत्तियों जैसे म्युचुअल फंडों और बीमा में पारिवारिक निवेश बढ़ा है।
सत्र को संबोधित करते हुए हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर केनेथ रोगॉफ ने कहा कि पूरी तरह से नकद रहित अर्थव्यवस्था संभव नहीं है। प्रो. रोगॉफ ने कहा कि दुनियाभर में अधिकतर नकदी बड़े नोटों के रूप में ही है, हालांकि, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूरोजोन कुछ बड़े नोटों को बंद करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में पुराने नोट प्रचलन से बाहर किए जाते हैं और उनकी जगह पर नये नोट लाए जाते हैं लेकिन, रातों-रात ऐसा करने का कोई दूसरा उदाहरण उनकी जानकारी में नहीं है।
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