सोने पर 2% की दर से विशेष GST लगाने के पक्ष में सर्राफा कारोबारी

punjabkesari.in Monday, May 22, 2017 - 04:55 PM (IST)

नई दिल्लीः जी.एस.टी. व्यवस्था के तहत सोना और आभूषणों पर कर की दर को लेकर असमंजस की स्थिति के बीच सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि यदि सरकार वास्तव में सोने के कारोबार में पारदर्शिता कायम रखना चाहती है तो उसे इस बहुमूल्य धातु के लिए ऊंची दर तय नहीं करनी चाहिए, अन्यथा क्षेत्र का कारोबार गड़बड़ा सकता है।   

सर्राफा कारोबारियों ने सोने और आभूषणों के कारोबार पर 2 प्रतिशत की दर से विशेष जी.एस.टी. लगाने की मांग की है। इससे पारदर्शिता बने रहने के साथ साथ राजस्व भी बढ़ेगा। उनका कहना है कि यदि 5 प्रतिशत की ऊंची दर से जी.एस.टी. लगाया जाता है तो इससे कर अपवंचना को बढ़ावा मिल सकता है, क्योंकि ग्राहक बिल नहीं लेने पर दबाव डाल सकते हैं।   

वित्त मंत्री अरुण जेतली की अगुवाई वाली वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) परिषद ने जी.एस.टी. प्रणाली के तहत ज्यादातर वस्तुओं के लिए कर दरें तय कर दी हैं लेकिन सोने और आभूषणों पर दर को अभी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। माना जा रहा है कि परिषद की अगली बैठक में सोने पर जी.एस.टी. दर को अंतिम रूप दिया जाएगा। सोने पर 4 से 5 प्रतिशत की विशेष दर से जी.एस.टी. लगाए जाने की चर्चा है।  

सोने पर फिलहाल एक प्रतिशत मूल्यवर्धित कर (वैट), एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगता है। वहीं 10 प्रतिशत सीमा शुल्क भी यदि इसमें जोड़ा जाए, तो कर की कुल दर 12 प्रतिशत हो जाती है। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष एवं नेमीचंद बमाल्वा एंड संस, कोलकाता के संस्थापक बच्छराज बमाल्वा ने कहा, ‘‘हम वित्त मंत्री से सोने पर जी.एस.टी. दर 2 प्रतिशत के आसपास रखने की मांग कर रहे हैं। यदि इससे ऊंची दर रखी जाती है, तो सर्राफा का संगठित क्षेत्र प्रभावित होगा, साथ ही इस क्षेत्र में पारदर्शिता भी प्रभावित होगी।   


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