इमटेक ने Johnson and johnson के साथ मिलाया हाथ, डेढ साल में आएगी टी.बी के बेहतर दवा

punjabkesari.in Thursday, Aug 17, 2017 - 06:54 PM (IST)

चंडीगढ़ः देश में टी बी से पीड़ित मरीजों को अगले डेड साल के भीतर इस बीमारी का बेहतर इलाज मिलेगा। साईंस और टैक्नॉलजी मंत्रालय की इकाई  इंस्टीच्युट आफ  मिक्रोबियल टेक्नॉलजी यानी इमटेक ने इस मकसद से ऍफ़ एम सी जी कंपनी जॉन्सन एंड जॉन्सन के साथ हाथ मिलाया है। देश के वैज्ञानिक जॉन्सन एंड जॉन्सन के साथ मिलकर इस  रिसर्च करेंगे। जॉन्सन  एंड जॉन्सन के पब्लिक हेल्थ विभाग के ग्लोबल हेड जाक पीटर ने चंडीगढ़ में पंजाब केसरी  के साथ बात चीत में इस बात की जानकारी दी।

पीटर ने कहा कि टी.बी. के कारण दुनिया भर में हर साल 18 लाख लोग मारे जा रहे हैं और भारत में इस बीमारी से हर साल करीब 5 लाख लोगों की मौत हो रही है यानि हर तीसरे मिनट एक भारतीय टी.बी के कारण मौत के आगोश में समा जाता है। यह गंभीर समस्या है और इसके बेहतर इलाज के लिए ही कंपनी ने भारत सरकार के साथ हाथ मिलाया है। जॉन्सन एंड जॉन्सन अकेले इस मामले में शायद ज्यादा कारगर न हो पाती लेकिन सरकार का साथ मिलने के कारण अब हम बेहतर नतीजे दे पाएंगे और हमारा प्रयास है कि 2019 की शुरुआत में हम इस बीमारी की बेहतर दवा खोज सकेंगे। इस बीच इमटेक के निदेशक अनिल कौल ने कहा कि इमटेक के पास बेहतरीन वैज्ञानिक हैं और जॉन्सन एंड जॉन्सन के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को भी रिसर्च का लंबा अनुभव है और दोनों का अनुभव इस दिशा में अच्छे नतीजे ला सकता है 


गांवों में पकड़ मजबूत करेगी जॉन्सन एंड जॉन्सन
देश के बड़े शहरों में चाइल्ड केयर का जाना पहचाना नाम जॉन्सन  एंड जॉन्सन जल्द ही भारत के कस्बों और गांवों में भी अपनी पकड़ मजबूत करेगा। कंपनी के पब्लिक हेल्थ विभाग के ग्लोबल हेड जाक पीटर ने पंजाब केसरी के साथ विशेष बातचीत के दौरान कहा किभारत के ग्रामीण इलाकों में स्वस्थ के प्रति  जागरूकता बढ़ रही है लिहाजा बड़े शहरों में पहुँच बनाने के बाद अब कंपनी का अगला लक्ष्य छोटे शहरों ,कस्बों और गांवों में कंपनी के उत्पाद पहुंचाने का है।

पीटर ने कहा कि भारत की सरकार टी बी की दवा पर शोध के लिए कंपनी के साथ पूरा सहयोग कर रही है और कंपनी भी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इण्डिया विजन के तहत भारत में उत्पादन बढ़ाना चाहती है और यह काम गांवों में खपत बढ़ाए बिना मुश्किल है लिहाजा ग्रामीण इलाकों में पहुँच एक साथ ही मेक इन इण्डिया में भी कंपनी सहयोग दे सकेगी। पीटर ने हालाँकि इस दौरान कंपनी के पाउडर में कैंसरयुक्त पदार्थ पाए जाने पर  अमेरिकन कोर्ट द्वारा किए गए 110 मिलियन डालर के जुर्माने पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता लिहाजा वह इस पर टिपण्णी नहीं करेंगे।


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