गेहूं आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार

punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2018 - 11:37 AM (IST)

नई दिल्लीः सरकार गेहूं के सस्ते आयात को हतोत्साहित करने और चालू रबी सत्र में किसानों को सकारात्मक मूल्य संकेत देने के लिए इस खाद्यान्न पर लगाने वाले 20 प्रतिशत के मौजूदा आयात शुल्क को बढ़ाने के बारे में विचार कर रही है। गुजरात जैसे राज्यों में गेहूं फसल की कटाई का काम शुरू हो गया है और होली के त्यौहार के बाद यह काम गति पकड़ेगा।  

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, "गेहूं उत्पादन को लेकर कोई चिंता नहीं है। अगर हम पिछले साल के स्तर पर भी रहते हैं तो वह घरेलू मांग को पूरा करने के लिहाज से पर्याप्त रहेगा। हमारे पास पर्याप्त बफर स्टॉक भी जमा है लेकिन मुद्दा यह है कि हम कैसे किसानों को संरक्षित करें और यह सुनिश्चित करें कि कम से कम उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की प्राप्ति हो।" 

गेहूं का आयात शुल्क 20 फीसदी होने से भी इसका कोई आयात नहीं हो रहा है लेकिन फिर भी इस अनाज पर सीमा शुल्क को बढ़ाने के संदर्भ में विचार-विमर्श किया जा रहा है क्योंकि सरकार यह नहीं चाहती कि ऐन कटाई अवधि के चरम मौके के वक्त स्थानीय कीमतों पर किसी तरह का दबाव कायम हो।      

सरकार का मुख्य प्रयास है कि किसानों को कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की प्राप्ति सुनिश्चित हो। ‘‘इसलिए हम आयात शुल्क बढ़ाने सहित विभिन्न विकल्पों के बारे में सोच विचार कर रहे हैं।’’ यह अभी तक तय नहीं किया जा सका है कि गेहूं के आयात शुल्क में मामूली वृद्धि की जाए या इसे दोगुना कर दिया जाए। इस मुद्दे पर इस सप्ताह के दौरान एक बार फिर विचार किया जाएगा। एक सरकारी अनुमान के अनुसार वर्ष 2017-18 के चालू रबी सत्र में गेहूं खेती का रकबा 4.27 फीसदी घटकर 3 करोड़ 4.2 लाख हेक्टेयर रह गया है। एक ओर उद्योग जगत जहां गेहूं का उत्पादन पिछले साल के 9 करोड़ 83.8 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर से कम रहने का अनुमान जताया है वहीं सरकार ने कहा है कि यह उत्पादन वर्ष 2016-17 के स्तर पर ही रहेगा। 


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