चीन में बंद होंगी ईंधन से चलने वाली कारें, इलैक्ट्रिक कारों का बढ़ेगा चलन

punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2017 - 12:43 PM (IST)

पेइचिंग: चीन में बढ़ रहे प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए ईंधन से चलने वाली कारों पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें बंद करने की समय सीमा निर्धारित की गई है। चीन को दुनिया की सबसे बड़ी दूसरी अर्थव्यवस्था कहा जाता है, ऐसे में इस देश में इलैक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने से पूरी दुनिया में इलैक्ट्रिक कारों के चलन में तेजी आने की सम्भावना है। इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन में पैट्रोल-डीजल वाहनों पर बैन की तैयारी शुरू हो गई है।

देश में वाहन निर्माता कंपनियों को डैडलाइन दे दी गई है कि वे अब पैट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की बिक्री बंद करें ताकि इलैक्ट्रिक व्हीकल विकसित करने में तेजी लाई जा सके। इंडस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन टैक्नोलॉजी के वाइस मिनिस्टर शिन गुओबिन ने बताया है कि सरकार एक टाइमटेबल पर काम कर रही है ताकि ईंधन से चलने वाले वाहनों की प्रोडक्शन को शुरू किया जा सके। इलैक्ट्रिक कारों के आने से चीन के ऑटो उद्योग में वृद्धि तो होगी ही साथ ही इसका वातावरण पर भी काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

चीन में इलैक्ट्रिक कारों की बिक्री में हुई बढ़ौतरी
चीन की पैसेंजर कार एसोसिएशन के मुताबिक वाहन निर्माता कम्पनी बी.वाई.डी. ने इस साल के पहले 7 महीनों में 46,885 इलैक्ट्रिक व हाईब्रिड व्हीकल्स बेचे हैं। इसके अलावा बी.ए.आई.सी. मोटर की इलैक्ट्रिक व्हीकल डिवीजन ने 7 महीनों में ही 36,084 यूनिट्स बेचकर एक नई उपलब्धि को हासिल किया है। अब तक चीन में इलैक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कम्पनी बी.वाई.डी. ने 7.2 प्रतिशत की वृद्धि की है।

टैस्ला चीन में बनाएगी सस्ती इलैक्ट्रिक कारें 
अमरीकी कार निर्माता कम्पनी टैस्ला ने जून में जानकारी दी थी कि कम्पनी शंघाई सरकार के साथ काम कर रही है ताकि चीन में बेहतर इलैक्ट्रिक कारों को बनाया जाए ताकि कम कीमत में ये कारें बिक्री के लिए उपलब्ध की जा सकें। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में पूरी दुनिया इलैक्ट्रिक कारों से मिलने वाले पर्यावरण के फायदों को समझते हुए इन्हें अपनाने पर जोर देगी।

फ्रांस, ब्रिटेन, नॉर्वे और जर्मनी में भी बैन की तैयारी
पर्यावरण को स्व'छ बनाने और पैरिस समझौते के प्रति प्रतिबद्धता को मूर्त रूप देने के लिए फ्रांस साल 2040 तक देश में पैट्रोल और डीजल कारों की बिक्री पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने जा रहा है। फ्रांस के पर्यावरण मंत्री निकोलस उलो ने जीवाश्म ईंधन से चलने वाली गाडिय़ों पर प्रतिबंध की घोषणा को पैरिस पर्यावरण समझौते के प्रति फ्रांस की नई प्रतिबद्धता बताया है। उलो ने कहा कि फ्रांस ने 2050 तक कार्बन तटस्थ बनने की योजना बनाई है।


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