EPFO की सस्‍ते घर की स्‍कीम में हो सकती है देरी, ये रही वजहें!

punjabkesari.in Friday, Mar 24, 2017 - 11:47 AM (IST)

नई दिल्‍लीः कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन ई.पी.एफ.ओ. की सस्‍ते घर की स्‍कीम लांच होने में देरी हो सकती है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टी (सी.बी.टी.) बैठक आगामी 30 मार्च को होने वाली है लेकिन इस बैठक के एजेंडे में सस्‍ते घर की स्‍कीम शामिल नहीं है। ऐसे में ट्रेड यूनियंस का मानना है कि इस स्‍कीम को लांच करने में देरी हो सकती है। 

स्‍कीम को फाइनल करने में ये वजहें बनी चुनौती 
सूत्रों के मुताबिक ई.पी.एफ.ओ. के मेंबर्स को सस्‍ते घर मुहैया कराने की स्‍कीम को अंतिम रूप देने में कई तरह की बाधाएं आ रही हैं। इसकी वजह से इस स्‍कीम को लांच करने में देरी हो सकती है।   

औसत सैलरी कम होना 
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी बीएल सचदेवा ने बताया कि‍ ई.पी.एफ.ओ. के मेंबर्स की औसत सैलरी 10 से 12 हजार रुपए प्रति माह है। इस सैलरी स्‍ट्रक्‍चर पर मेंबर्स और एंप्‍लॉयर का मंथली कंट्रीब्यूशन स्‍वाभाविक तौर पर कम होगा। वहीं सस्‍ते घर की कीमत 12 से 15 लाख होगी। ऐसे में सवाल है कि ई.पी.एफ.ओ. मेंबर्स ई.एम.आई. कैसे चुकाएगा।   

नौकरी चली जाने पर क्‍या होगा 
प्राइवेट सेक्‍टर में नौकरी को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। ऐसे में अगर किसी कर्मचारी ने बैंक से लोन लेकर घर ले लिया और उसकी नौकरी चली गई और वह अगले 6 माह तक बेरोजगार रहता है। तो ऐसी स्थिति में बैंक क्‍या अपने लोन की रिकवरी नहीं करेगा। 

20 सदस्‍यों की सोसायटी जरूरी 
लेबर मिनिस्‍टर बंडारू दत्‍तात्रेय ने संसद में जानकारी दी है कि प्रस्‍तावित स्‍कीम के तहत घर लेने के लिए ई.पी.एफ.ओ. के मेंबर्स को 20 सदस्‍यों के साथ मिल कर सोसायटी बनानी होगी। ट्रेड यूनियनों ने इस प्रावधान पर भी सवाल खड़े किए हैं।


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