देश में चलेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, साफ्टबैंक से चल रही है बातचीत

punjabkesari.in Saturday, May 27, 2017 - 01:09 PM (IST)

नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन के लिए 2 लाख इलेक्ट्रिक बसों के लिए कम ब्याज पर वित्त पोषण को लेकर जापान की निवेश कंपनी साफ्टबैंक से बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत कच्चे तेल के 7 लाख करोड़ रुपए के आयात बिल में कटौती करना चाहता है। इलेक्ट्रिक बसों तथा वाहनों के साथ एथेनॉल और अन्य हरित ईंधन इसका समाधान हो सकता है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हम चाहते हैं कि इलेक्ट्रिक बस, आटो रिक्शा तथा अन्य वाहन देश में चले। हम हरित परियोजना के लिये कम ब्याज पर कर्ज के लिए साफ्टबैंक से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सार्वजनिक परिवहन के लिए 2 लाख इलेक्ट्रिक बस चाहते हैं। गडकरी ने यह भी कहा कि कम ब्याज दर पर वित्त पोषण वैसा ही है जैसा कि सरकार ने बंदरगाह जे.एन.पी.टी. के मामले में किया। वह महिंद्रा के नये ई20 प्लस समेत 200 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये पायलट परियोजना की शुरूआत से पहले मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक परिवहन के टिकट भाड़े में 20 प्रतिशत कमी का लक्ष्य है।

नागपुर में शुरु हुई इलेक्ट्रिक वाहनों की परिवहन प्रणाली
वहीं, नागपुर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली वाला पहला शहर बन गया। शहर में 200 इलेक्ट्रिक वाहनों की परिवहन प्रणाली शुरू हुई है। इनमें टैक्सियां, बस, ई-रिक्शा और तिपहिया शामिल हैंष सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के साथ नागपुर हवाई अड्डा परिसर में देश की पहले मल्टी मॉडल इलेक्ट्रिक वाहन परियोजना का उद्घाटन किया।

यह पायलट परियोजना 200 वाहनों के बेड़े के साथ शुरू की गई है। इनमें 100 महिंद्रा के नए ई 2ओ प्लस वाहन शामिल हैं। अन्य वाहनों में टाटा मोटर्स, काइनेटिक, बीवा.ई.डी. और टी.वी.एस. के वाहन शामिल हैं। टैक्सी एप सेवा कंपनी ओला ने ईवी और चार्जिंग ढांचे में 50 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।  इस पहल के साथ हम 2030 तक शतप्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन मिशन को आगे बढ़ाएंगे।


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