विशाल सिक्‍का ने इस वजह से दिया इंफोसिस से इस्‍तीफा

punjabkesari.in Friday, Aug 18, 2017 - 04:47 PM (IST)

नई दिल्लीः इंफोसिस के सी.ई.ओ. विशाल सिक्का के अनुसार उन्होंने इस पद से इस्तीफा देने का फैसला इसलिए किया क्योंकि आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और व्यक्तिगत हमलों के सामने बचाव करते हुए उनके लिए अपना काम करना कठिन हो गया था। एक अप्रत्याशित कदम में सिक्का ने निदेशक मंडल और एन आर नारायणमूर्ति की अगुवाई में हाई-प्रोफाइल संस्थापकों के बीच कटुता बढऩे के बीच इस्तीफा दिया है।

कर्मचारियों को भेजा पत्र
सिक्का ने कंपनी के कर्मचारियों को भेजे पत्र में कहा है,‘ आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और व्यक्तिगत हमलों का लगातार बचाव करने के साथ साथ मैं सी.ई.ओ. के रूप में अपना काम नहीं कर सकता। इसके साथ ही सिक्का ने कहा है कि उन्होंने यह फैसला बहुत सोच विचारकर किया है। ‘हमारे चारों ओर के शोर से बहुत ही अस्वीकार्य वातावरण बन गया।’  कंपनी के पूर्व सह-संस्थापक चेयरमैन नारायणमूर्ति तथा अन्य ने सिक्का को दिए गए उच्च वेतन को लेकर सवाल उठाए। साथ ही कुछ कार्यकारियों को नौकरी छोटने पर दिए गए पैकेज को लेकर भी सवाल खड़े किए गए। साथ ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड तथा अमेरिका के बाजार विनियामक सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को गुमनाम पत्र भेजे गए। इस पत्रों में आरोप लगाया गया कि इस्राइल स्थित पनाया कंपनी का अधिग्रहण का मूल्य अधिक था और इंफोसिस के कुछ कार्यकारियों को संभवत: इस सौदे ये लाभ हुआ हो।
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नारायणमूर्ति पर साधा निशाना
इस बीच सिक्‍का को इंफोसिस बोर्ड का साथ मिला है। बोर्ड ने कंपनी में सकारात्‍मक बदलाव लाने के लिए सिक्‍का को जिम्मेदार बताया। बोर्ड ने कहा कि इंडस्‍ट्री और कंपनी के लिए सिक्‍का विजन आगे भी नए टारगेट हासिल करने में मदद करेगा। बोर्ड ने बिना नाम लिए सिक्‍का पर आधारहीन आरोप लगाने के लिए कंपनी के फाउंडर नारायणमूर्ति पर भी हमला बोला। बोर्ड इस बात से आहत है कि मैनेजमेंट टीम के मेंबर्स पर आधारहीन और व्‍यक्तिगत रूप से हमले किए गए। आरोपों की 3 बार जांच कराई गई। ये आरोप आधारहीन पाए गए। बोर्ड उन आलोचकों की निंदा करता है, जिन्‍होंने आधारहीन आरोपों को बढ़ावा दिया।


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