बच्चों की किताबों को GST से मुक्त करने की मांग

punjabkesari.in Wednesday, May 24, 2017 - 04:55 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय शैक्षिक प्रकाशक महासंघ ने बच्चों की किताबों पर 12 प्रतिशत जी.एस.टी. लगाने के सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की है और यह फैसला तत्काल वापस लेने की मांग की है। महासंघ के महासचिव आर के गुप्ता ने आज जारी एक बयान में कहा है कि सरकार तीन साल से 12 साल तक की उम्र के बच्चों की किताबों पर 12 प्रतिशत कर लगा रही है जबकि मंहगे उपन्यासों तथा वयस्कों की पत्रिकाओं एवं अन्य किताबों को कर से छूट दे दी है।

महासंघ के कोषाध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि जी.एस.टी. के तहत अश्लील पुस्तकों को करों से छूट दे दी गई है जबकि शैक्षिक किताबों पर 12 प्रतिशत कर लगाया जा रहा। यह किसी तरह से प्रगतिशील कदम नहीं कहा जा सकता है और इससे अभिभावकों पर बोझ बढे़गा। इसलिए सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सूचना और ज्ञान आधारित समाज बनाने के लिए सभीतरह की किताबों को जी.एस.टी. से मुक्त करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि छात्रों और अभिभावकों पर पड़ने वाले बोझ का ख्याल रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेतली इन किताबों पर से जी.एस.टी. हटाएंगे। 


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