भारत में बढ़ने लगी चांदी के गहनों की मांग

punjabkesari.in Saturday, May 13, 2017 - 11:31 AM (IST)

मुंबईः चांदी की मांग में कमजोरी के बाद अब इसमें फिर से सुधार होने लगा है, खासतौर पर भारत में। पिछले साल भारत और चीन में चांदी के गहनों की मंद मांग से इसकी कुल मांग कम हो गई थी। अमरीका स्थित सिल्वर इंस्टीट्यूट द्वारा जारी विश्व रजत सर्वेक्षण 2017 में कहा गया है कि 2016 में चांदी की मांग में कमी का असर चांदी के सिक्कों और मेडल बनाने पर पड़ा तथा इसमें नौ प्रतिशत तक की गिरावट आई, जबकि 2015 में यह अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई 12.32 करोड़ औंस पर थी। गहनों के लिए चांदी की मांग में कमी ने भी खेल-बिगाड़ा किया।

2016 में कुल हाजिर मांग में 11 प्रतिशत तक की कमी आई और यह 102.78 करोड़ औंस रही। चांदी के गहनों, वस्तुओं और खुदरा निवेश के लिए चांदी की कमजोर खरीद का मांग पर असर पड़ा।  चांदी के गहनों का निर्माण नौ प्रतिशत तक गिरकर 20.7 करोड़ औंस पर आ गया, जबकि 2015 में यह अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर 22.8 करोड़ औंस पर था। चीन और भारत की मांग का इसमें खासा असर पड़ा। यहां चांदी की उच्च कीमत और पुराने स्टॉक की वजह से गहनों की खरीद वास्तव में कमजोर रही। 

चांदी के लिए 2016 अच्छा साल नहीं था
भारत में चांदी के अग्रणी भागीदारों में से एक आम्रपाली समूह की निदेशक मोनल ठक्कर के अनुसार भारत के लिए 2016 अच्छा साल नहीं था। चांदी का बहुत कम आयात हुआ और इस कारण इसने वास्तव में पूरे उद्योग को प्रभावित कर दिया लेकिन नए साल में अच्छी मांग रही। इस साल आयात फिर से बढ़ेगा। हालांकि, बाजार में कीमत का हमेशा महत्त्व रहता है और हम इसे भूल नहीं सकते। 

दो उद्योगों में चांदी की मांग बढ़ी रही
सर्वेक्षण बताता है कि सोने और सीसे-जस्ते जैसे गौण-उत्पादन क्षेत्रों के उत्पादन में कमी के परिणाम स्वरूप 2016 में चांदी के वैश्विक उत्पादन में 2002 के बाद से पहली गिरावट दर्ज की गई। पुरानी धातु की आपूर्ति में भी 1996 के बाद से सबसे कम स्तर दर्ज किया गया। हेजिंग करने वाले उत्पादकों ने भी अनुबंध किए जिससे 2016 में चांदी की कुल आपूर्ति में 3.26 करोड़ औंस की गिरावट आ गई,लेकिन मांग पक्ष की ओर से एथिलेन ऑक्साइड क्षेत्रों और फोटोवोल्टैक में चांदी के इस्तेमाल ने नई ऊंचाई को छू लिया। इन दोनों उद्योगों में चांदी की मांग खासी बढ़ रही है।


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