जानबूझकर कर्जा न वापस करने वालों के खिलाफ दर्ज होंगे क्रिमिनल केस

punjabkesari.in Thursday, Mar 22, 2018 - 12:15 PM (IST)

नेशनल डेस्कः नीरव मोदी-मेहुल चोकसी घोटाले के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने बैंकों से कहा कि वे जानबूूझ कर कर्जा वापस न करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ क्रिमिनल केस अर्थात एफ.आई.आर. दर्ज करवाएं। यह भी फैसला किया गया है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई नरमी न दिखाई जाए। इस समय पब्लिक सैक्टर के बैंकों ने 7.34 लाख करोड़ रुपए का बकाया लोगों से लेना है। यह राशि 30 सितम्बर 2017 के अनुसार है। आर.बी.आई. के डाटा के अनुसार भारत में जिन व्यक्तियों ने अभी तक जानबूझ कर कर्ज वापस नहीं किया उनकी तरफ 1.1 लाख करोड़ राशि बाकी है। ये वे कर्जदार हैं जिनके पास कर्जा वापस करने की समर्था तो है लेकिन वे जानबूझ कर कर्जा वापस नहीं कर रहे।

बैंकों ने 9000 से ज्यादा एन.पी.ए. अकाऊंट खातों के संबंध में मुकद्दमे दायर किए हैं ताकि राशि वापस ली जा सके। अब वित्त मंत्रालय चाहता है कि जानबूझ कर कर्जा न वापस करने वाले ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज करवाए जाएं। आर.बी.आई बड़े डिफाल्टरों के खिलाफ उच्च स्तर पर बड़ी कार्रवाई कर रहा है। आर.बी.आई के अनुसार बड़े केसों की संख्या 28 है व इनसे 4 लाख करोड़ रुपए वापस लेने हैं। बैंकों को कहा गया है कि वे दिवालिया हो चुके लोगों के केस फाइल करें और देखें कि ये क्रिमिनल भी बनते हैं? 9000 एन.पी.ए. केसों में से इस समय 1624 केस ऐसे हैं, जहां एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। इन मामलों में 16601.90 करोड़ रुपए की वापसी होनी है।

आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, जो भारत का सबसे बड़ा ऋण देने वाला बैंक है, एफ.आई.आर. दर्ज करवाने के मामले में सबसे सुस्त रहा है। उसने अभी तक 13 मामले ही दर्ज करवाए हैं जो सिर्फ 13.10 करोड़ रुपए की वसूली से संबंधित हैं। यह भी पता चला है कि सितम्बर 2016 तक 7673 करोड़ रुपए की वापसी के लिए 1080 मामलों में बैंकों ने कोई केस दर्ज नहीं करवाया था। हालांकि आर.बी.आई. ने जानबूझ कर ऋण न वापस करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की हिदायतें जारी की हुई हैं।


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