क्रेडि‍ट ग्रोथ 60 वर्षों में सबसे नि‍चले स्तर पर, बैंकों की चिंता बढ़ी

punjabkesari.in Saturday, Apr 15, 2017 - 10:24 AM (IST)

नई दिल्लीः बीते वित्त वर्ष में बैंक क्रेडिट ग्रोथ पिछले 60 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर रही। वर्ष 2016-17 में क्रेडिट ग्रोथ महज 5.1 फीसदी रही। इससे पहले वर्ष 1953-54 में यह 1.7 फीसदी तक गिरी थी। आर.बी.आई. के आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 2017 को बैंकों की उधारी 78.82 लाख करोड़ थी।

नोटबंदी के चलते क्रेडिट ग्रोथ पर असर
मार्च के आखिरी 15 दिनों में उधार देने की रफ्तार सबसे तेज रही। इस दौरान बैंकों ने 3.16 लाख करोड़ का कर्ज बांटा, मगर आखिरी वक्त में आए इस उछाल के बावजूद पिछले साल के 10.3 फीसदी के मुकाबले लोन ग्रोथ 5.1 फीसदी रही। एक ओर बैंकों पर बैड लोन का बोझ है तो दूसरी ओर कॉरपोरेट निवेश भी ठहर सा गया है। नोटबंदी के चलते भी क्रेडिट ग्रोथ पर असर पड़ा है। अक्टूबर- दिसंबर 2016 के बीच बैंक क्रेडिट 2.3 फीसदी रहा जबकि इसी समय में उससे पहले वाले साल में यह 2.7 फीसदी था। बैड लोन के अलावा आर.बी.आई. की एक बड़ी चिंता है बैंकों के पास पड़ा अतिरिक्त कैश। बैंकों को जहां एक ओर क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट झेलनी पड़ रही है वहीं दूसरी ओर उनकी जमा लगातार बढ़ी हुर्इ है। इसकी वजह नोटबंदी भी है।

बैड लोन में होगी बढ़ौतरी
इस वित्त वर्ष में बैंकों के डिपॉजिट में 11.8 फीसदी की बढ़त हुई है और अब बैंकों के पास तकरीबन 108 लाख करोड़ रुपए की जमा है। उधार देने की दर में आई गिरावट का पहला नतीजा बैड लोन में बढ़ौतरी के रूप में सामने आएगा। उधार देने की दर ज्यादा होती है तो बैड लोन के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इस समय बैंकों का बैड लोन 10 फीसदी है, जिसके चलते बैंक दुविधा में आ गए हैं।


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