4500 का आंकड़ा पार कर सकती है रूई

punjabkesari.in Sunday, Jan 07, 2018 - 11:31 AM (IST)

जैतो : देश के विभिन्न कपास पैदावार राज्यों में 31 दिसम्बर तक व्हाइट गोल्ड की करीब 1.47 करोड़ गांठ आई हैं, जबकि गत वर्ष इस अवधि के दौरान करीब 1.8 करोड़ गांठ व्हाइट गोल्ड की पहुंची थीं। यह जानकारी कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी.ए.आई.) से मिली।  बाजार जानकारों के मुताबिक देश में आजकल रोजाना 1.50 से 1.70 लाख गांठ व्हाइट गोल्ड मंडियों में आ रहा है। देश में चाहे व्हाइट गोल्ड की आमद ठीक चल रही है लेकिन उत्तरी जोन के राज्य पंजाब, हरियाणा व राजस्थान की मंडियों में व्हाइट गोल्ड की रोजाना आमद में कमी आई है। आमद घट कर 16-17000 गांठ ही रह गई।

आमद घटने का मुख्य कारण व्हाइट गोल्ड के भाव बढऩा माना जाता है।कपास जिनरों को रूई में बड़ी तेजी आने की आस जाग उठी है जिस कारण ही कपास जिनर मंडियों से धड़ाधड़ व्हाइट गोल्ड इकट्ïठा करने में लगे हुए हैं। कपास जिनरों को रूई भाव अति शीघ्र 4500 रुपए प्रति मन आंकड़ा पार करने की बड़ी उम्मीद जाग उठी है। इस कारण ही मंडियों में जिनरों में व्हाइट  गोल्ड के भाव ऊपर में 5500 रुपए मन अभी से ही कर दिए हैं। आजकल मंडियों में प्राइवेट कपास जिनरों द्वारा जो व्हाइट  गोल्ड खरीदा जा रहा है उसकी रूई 4500 रुपए मन पड़ती है। आजकल रूई के भाव हाजिर 4290-4300 रुपए मन हैं अर्थात जिनको को 200 से 250 रुपए किंव्टल डिस्पैरिटी है।

भारतीय कपास निगम (सी.सी.आई.) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) पर व्हाइट  गोल्ड खरीदने की घोषणा की थी लेकिन कपास जिनरों ने व्हाइट गोल्ड का भाव ही आजकल 5350-5500 रुपए किंव्टल कर दिए हैं जबकि एम.एस.पी. व्हाइट गोल्ड बढिय़ा 4320 रुपए किंव्टल रखा है। बाजार जानकारों का कहना है कि यदि कपास जिनरों ने 200-250 रुपए किंव्टल व्हाइट गोल्ड की डिस्पैरिटी नहीं छोड़ी तो उनकी भी हर-हर गंगे पक्की है। डिस्पैरिटी ने पहले ही पंजाब में लगभग 360 कपास फैक्टरियों को बर्बाद करके रख दिया है। 
 


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