फैस्टिव सीजन रहेगा फीका, खरीदारी को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं उपभोक्ता

punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2017 - 04:33 PM (IST)

नई दिल्लीः महीने के आखिर में दशहरा पड़ रहा है और बीच में अक्टूबर में दिवाली आनी है लेकिन खरीदारी को लेकर उपभोक्ताओं में अधिक उत्साह नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस बार त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं की खरीदारी में कोई उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने की उम्मीद नहीं है। एक सर्वेक्षण में 52 प्रतिशत लोगों का कहना था कि इस बार त्योहारी सीजन पर उनकी खरीदारी 10,000 रुपए तक सीमित रहेगी। वहीं 28 प्रतिशत का कहना था कि वे त्योहारी सीजन में कुछ भी खर्च करने नहीं जा रहे। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 55 प्रतिशत उपभोक्ताओं का कहना है कि न केवल त्योहारी सीजन में वे कोई बड़ी खरीद नहीं करेंगे बल्कि अगले एक साल तक उनका 50,000 रुपए से अधिक का कोई बड़ा उत्पाद खरीदने का इरादा नहीं है।
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GST रिटर्न से बिगड़ सकता है कारोबार का मजा
कारोबारियों का भी कहना है कि ईद, राखी पर पहले से ही कारोबार कमजोर था। अब दीवाली में भी बाजार में रौनक दिखाई नहीं दे रही है। पहले नोटबंदी और अब जी.एस.टी. रिटर्न भरने में कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कारोबारियों की शिकायत है कि जी.एस.टी. की वजह से उनका पूरा ध्यान कारोबार की बजाय जी.एस.टी. रिटर्न भरने पर है। कारोबारियों को एक महीने में 3 फार्म जमा करने पड़ते हैं। रिटर्न भरने में सी.ए. को भी दिक्कतें आ रही हैं। उनकी लगातार यह मांग रही है कि जी.एस.टी. काऊंसिल को इसे आसान बनाने की कोशिशें करनी चाहिए।
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सोने की मांग में 50 फीसदी की गिरावट
बुलियन डीलरों, बैंकरों और ज्वैलर्स का कहना है कि मार्कीट का मूड अच्छा नहीं है और अब वे दशहरा और धनतेरस पर मांग बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं, जब देश में गोल्ड की ज्यादातर खरीदारी होती है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आई.बी.जे.ए.) के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने कहा, ‘पीएमएलए एक्ट, 2002 के तहत केवाईसी लागू किए जाने से ट्रांजैक्शन लिमिट 2 लाख रुपए से घटकर 50,000 रुपए हो गई है। सरकार ने 23 अगस्त को इसका ऐलान किया था। हालांकि, इस महीने की शुरुआत से ट्रेड पर इसका जबरदस्त मार पड़ी है। सितंबर महीने में अब तक मांग में 50 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।’


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