नैशनल हाईवे से अब एेसे पैसे कमाएगी मोदी सरकार

punjabkesari.in Friday, Aug 18, 2017 - 10:00 AM (IST)

नई दिल्ली: सरकारी पैसों से बने राष्ट्रीय राजमार्गों को मॉनिटाइज करने के लिए बनाई गई योजना पर अगले महीने काम शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार ने अपने लगभग 100 चालू नैशनल हाईवे को लीज पर देने की योजना बनाई है। इनसे उसको लगभग 75,000 करोड़ रुपए की आमदनी हो सकती है। सरकार मॉनिटाइजेशन के जरिए नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजैक्ट्स पर काम करने के लिए फंड जुटाने के वास्ते ऑप्रेशनल एसेट्स में विनिवेश की योजना के तहत अपने प्रोजैक्ट्स लीज पर देने की कवायद की शुरूआत कर रही है। इन हाईवे को रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री टोल ऑप्रेट एंड ट्रांसफर (टी.ओ.टी.) मॉडल के हिसाब से नीलाम करेगी। पायलट प्रोजैक्ट के तहत पहले चरण में सरकार 11 हाईवे के लिए बोली मंगवाएगी।

इनको लीज पर देने से सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को 6500 करोड़ रुपए की रकम मिलने की उम्मीद है। इन 11 हाईवे में 4 गुजरात और 7 आंध्र प्रदेश में हैं तथा इनकी कुल लंबाई 700 किलोमीटर से थोड़ी कम है।  टी.ओ.टी. मॉडल में पैंशन फंड्स और पी.ई. फम्र्स को एकमुश्त पेमैंट करके सरकार के मालिकाना हक वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को 30 साल के लिए लीज पर लेने का मौका मिलेगा। कन्सैशन पीरियड के दौरान फंड और उसके ऑप्रेशंस एड मैंटीनैंस पार्टनर को लीज वाले हाईवे पर टोल वसूल करने और उन्हें मैंटेन करने की इजाजत होगी।

ये कम्पनियां दिखा रहीं निवेश में रुचि
सूत्रों ने बताया कि बिडर्स में टेमसेक होल्डिंग्स और सिंगापुर के जी.आई.सी. जैसे कई इंटरनैशनल फंड, जे.पी. मॉर्गन एसेट मैनेजमैंट और अबुधाबी इन्वैस्टमैंट अथॉरिटी (ए.डी.आई.ए.) हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार बोली सितम्बर के मध्य में शुरू होगी और इस प्रक्रिया को 2 महीने के भीतर पूरा करने का प्लान बनाया गया है। अगले साल की शुरूआत में ऐसे कई प्रोजैक्ट्स के लिए बोली मंगवाई जा सकती है। सरकार का दावा है कि निवेशकों को शानदार रिटर्न मिल सकता है क्योंकि देश भर में टोल कलैक्शन सालाना 7.8 पर्सैंट की रेंज में बढ़ रहा है। जहां तक ट्रैफिक की बात है तो इसमें सालाना 10 पर्सैंट रफ्तार से बढ़ौतरी हो रही है। 


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