पंजीकरण न करवाने वाले मकान के खरीदारों को नहीं मिलेगी Rera के तहत राहत

punjabkesari.in Saturday, Feb 17, 2018 - 11:01 AM (IST)

नई दिल्लीः यदि आप रियल एस्टेट बिल (रेरा) का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि सम्पत्ति की खरीद से पहले आपने डिवैल्पर से बिक्री के लिए एग्रीमैंट व पंजीयन करवा लिया है। ऐसा न करने पर रीयल एस्टेट डिवैल्पर आपको दी जाने वाली रियायतें रोक सकता है। एग्रीमैंट व पंजीकरण न करवाने वाले मकान के खरीदारों को रेरा के तहत राहत नहीं मिलेगी। इसके तहत खरीदार व डिवैल्पर सम्पत्ति के रजिस्ट्रेशन तथा स्टाम्प शुल्क के भुगतान के समय बिक्री के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।

हाल ही में मुम्बई में डिवैल्परों से फ्लैट खरीदने वाले लगभग 2,500 खरीदारों की उम्मीदों को महाराष्ट्र रीयल एस्टेट नियामक (महारेरा) ने धराशायी कर दिया। खरीदारों को केवल अलाटमैंट लैटर दिए गए थे। इन खरीदारों ने डिवैल्पर द्वारा फ्लैट देने में देरी करने पर जब महारेरा के अधिकारियों से सम्पर्क किया तो उन्होंने उनकी शिकायतों को निरस्त कर दिया क्योंकि खरीदारों ने बिक्री के लिए एग्रीमैंट का पंजीकरण नहीं करवाया था। नियमानुसार उपयुक्त दस्तावेजों के अभाव में देरी के एवज में दी जाने वाली नुक्सान भरपाई के रेरा प्रावधानों को लागू नहीं किया जा सकता।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012-13 के दौरान मुम्बई के विभिन्न क्षेत्रों में डिवैल्परों ने लगभग 6 परियोजनाओं के तहत मकानों की बिक्री की थी। खरीदार विपुल सक्सेना ने बताया कि खरीदारों को केवल अलॉटमैंट लैटर दिए गए, वहीं कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि नियामकों को रेरा को सख्ती से लागू करना चाहिए। डिवैल्पर इसके प्रावधानों का दुरुपयोग कर सकते हैं। गौरतलब है कि महारेरा पिछले साल 1 मई से लागू हुआ था और महाराष्ट्र इस अधिनियम को लागू करने वाला पहला राज्य था। इसके तहत अब खरीदार द्वारा बिल्डर की मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।


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