GST की टेंशन, स्टॉक घटाने में जुटे व्यापारी

punjabkesari.in Wednesday, May 24, 2017 - 05:08 PM (IST)

नई दिल्लीः आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार माने जा रहे वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) से कारोबार में बड़ी हलचल पैदा होने की उम्मीद है। इसे 1 जुलाई से लागू किए जाने की संभावना है और जैसे-जैसे यह तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे इसे लेकर कई तरह की आशंका भी तैरने लगी हैं।

एफ.एम.सी.जी., उपभोक्ता सामान, ड्यूरेबल्स और दवा उद्योग के खुदरा और थोक कारोबारियों ने स्वीकार किया कि खासकर इनपुट क्रेडिट के मामले में उन्हें क्या फायदा या नुकसान होगा, अभी यह स्पष्ट नहीं है। इसलिए वे अपना स्टॉक कम से कम रख रहे हैं।

स्टॉक में आ सकता बदलाव
आमतौर पर उपभोक्ता सामान और दवा डीलर और खुदरा व्यापारी 30 से 45 दिन का स्टॉक रखते हैं ताकि उनकी बिक्री में कोई असर न पड़े। स्टॉक में कटौती का मतलब यह हुआ कि डीलर केवल 10 से 15 दिन का स्टॉक रखेंगे। जाहिर बात है कि अधिकांश कंपनियां ऐसी स्थिति नहीं चाहेंगी। जानकारों ने बताया कि कहा कि अगर इस मुद्दे पर चीजें जल्दी स्पष्ट नहीं हुई तो जून के दूसरे या तीसरे सप्ताह में यह स्थिति आ सकती है।

ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स ऐंड ड्रगिस्ट्स की मार्केट रिसर्च विंग ए.आई.ओ.सी.डी.-अवाक्स के निदेशक अमीश मसुरेकर ने कहा कि जून के दूसरे पखवाड़े में स्टॉक में बदलाव की स्थिति आ सकती है। 40-45 दिन के स्टॉक के बजाय डीलर 10-15 दिन का स्टॉक उठा सकते हैं।

कारोबार से जुड़े मुद्दों का भी होगा समाधान
सरकार ने पिछले सप्ताह संकेत दिया था कि एफ.एम.सी.जी., ड्यूरेबल्स और दवा कंपनियों को कर भुगतान का केवल 40 फीसदी ही वापस मिलेगा। अधिकांश थोक व्यापारियों और स्टॉकिस्ट ने कहा कि जब तक यह मामला सुलझ नहीं जाता है तब तक वे अपने स्टॉक को कम ही रखेंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जी.एस.टी. परिषद की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में न केवल सोने, गहनों और कपड़े की दरें तय की जाएंगी बल्कि कारोबार से जुड़े मुद्दों का भी समाधान किया जाएगा। उनका कहना है कि एफ.एम.सी.जी. कंपनियों ने सरकार से कर वापसी के मुद्दे पर पुनर्विचार करने की मांग की है जिसे बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया है।


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