मर्जर से पहले Vodafone ने किया था दूरसंचार विभाग से संपर्क

punjabkesari.in Tuesday, Mar 21, 2017 - 11:21 AM (IST)

नई दिल्लीः वोडाफोन इंडिया ने आदित्य बिड़ला समूह की दूरसंचार कंपनी आइडिया सेल्युलर के साथ विलय प्रक्रिया शुरू करने से पहले दूरसंचार विभाग से संपर्क किया था। यहां तक कि वोडाफोन ग्रुप के सीईओ विटोरियो कोलाओ का विमान मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने से पहले ही कंपनी के अधिकारियों ने विभाग से संपर्क साधा था।

दूरसंचार विभाग से किया था संपर्क
वोडाफोन ने पिछले सप्ताह आइडिया के साथ अपने प्रस्तावित विलय की मंजूरी के लिए दूरसंचार विभाग से संपर्क किया था। सूत्रों ने बताया कि कंपनी द्वारा मांगी गई मंजूरियां केंद्र सरकार के विलय एवं अधिग्रहण दिशानिर्देशों के तहत प्रदान की जाती हैं। आइडिया ने वोडाफोन इंडिया और उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज के साथ विलय के लिए अपनी मंजूरी की घोषणा की है। हालांकि यह विलय शेयरधारकों, ऋणदाताओं, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय रिजर्व बैंक एवं अन्य सरकारी नियामकों की मंजूरियों पर निर्भर करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि वोडाफोन इंडिया के साथ आइडिया के विलय भारतीय दूरसंचार बाजार में रिलायंस जियो के खिलाफ काफी रणनीतिक साबित होगी। उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों के पास अधिकांश उपलब्ध स्पेक्ट्रम एकीकृत कंपनी के पास रहेगा जबकि कुछ दूरसंचार सर्किल में उसे अतिरिक्त स्पेक्ट्रम लौटाना पड़ेगा।

दूरसंचार क्षेत्र में आएगी स्थिरता
आइडिया और वोडाफोन को गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल और उत्तर प्रदेश (पश्चिम) सर्किल में 900 मेगाहट्र्ज और 2,500 मेगाहट्र्ज बैंड में अतिरिक्त स्पेक्ट्रम लौटाना पड़ेगा ताकि एकीकृत कंपनी के पास भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक स्पेक्ट्रम न रह सके। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन एस मैथ्यू ने कहा कि इस विलय से दूरसंचार क्षेत्र में थोड़ी स्थिरता भी आएगी। यह दोनों कंपनियों के लिए फायदे का सौदा है और इससे बाजार में यह संदेश जाएगा कि वहां एक दमदार खिलाड़ी भी मौजूद है।

रकम जुटाने का रास्ता साफ
मैथ्यू ने कहा कि इस विलय से दोनों कंपनियों के लिए बाजार से रकम जुटाने का रास्ता भी साफ होगा। वोडाफोन और आइडिया के विलय का मतलब साफ है कि भारती एयरटेल को देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी का तमगा छोडऩा होगा। भारती ने 23 फरवरी को एक नकदी रहित सौदे के तहत टेलीनॉर इंडिया के अधिग्रहण की घोषणा की थी। इसके साथ ही नॉर्वे की कंपनी देश से अपना कारोबार समेट रही है क्योंकि यहां उसका कारोबार अस्थिर हो गया था। भारती अब टेलीनॉर द्वारा अधिग्रहीत अतिरिक्त स्पेक्ट्रम और टावर पट्टों एवं बुनियादी ढांचे के लिए उसके अनुबंधों को भी हासिल करेगी।
 


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