डिजिटल लेनदेन बढऩे से बैंकों की लागत हुई कम

punjabkesari.in Friday, Nov 10, 2017 - 01:31 PM (IST)

नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद पिछले एक साल में बैंकों के डिजिटल प्रयास तेज हुए हैं। नोटबंदी के बाद नकदी की किल्लत और सरकारी प्रयासों की बदौलत डिजिटल लेनदेन उत्पादों को अपनाने और उनके प्रति जागरूकता बढ़ी है। आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के कार्यकारी निदेशक अनूप बागची ने कहा, 'जागरूकता कई गुना बढ़ी है। अब अगर हम पहले वाले ही उत्पाद एवं सेवाएं मुहैया कराते हैं तो ग्राहक उन्हें बड़ी आसानी से स्वीकार कर लेते हैं।'

ऐक्सिस बैंक का कहना है कि उसकी शाखाओं में लेनदेन काफी कम हो गए हैं। अब उनके कुल लेनदेन में डिजिटल लेनदेन का हिस्सा दो-तिहाई है। इंडसइंड बैंक के सक्रिय डिजिटल ग्राहकों की तादाद में 50 फीसदी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही बैंक के प्रत्येक सक्रिय ग्राहक द्वारा किए जाने वाले लेनदेन में भी अहम बढ़ोतरी हुई है। बैंक के मासिक लेनदेन में 90 फीसदी से अधिक हिस्सा डिजिटल का है। आई.सी.आई.सी.आई. बैंक में इस साल की पहली छमाही में बचत खातों में 81 फीसदी लेनदेन इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग, पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) और कॉल सेंटर जैसे डिजिटल माध्यमों के जरिये हुए हैं। 

इंडसइंड बैंक में बचत, डिजिटल एवं भुगतान कारोबार के प्रमुख रितेश राज सक्सेना ने कहा, 'नकद के बजाय डिजिटल लेनदेन से उपभोक्ताओं के लिए बैंकिंग लेनदेन की लागत घटी है। व्यापाारियों के लिए क्यूआर, यू.पी.आई. और आधार पे जैसी आधुनिक डिजिटल भुगतान सेवाएं शुरू होने से डिजिटल लेनदेन को अपनाने वाले कारोबारियों की तादाद बढ़ी है।'


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