बैंक बोर्ड ब्यूरो पर लगेगा ताला, मार्च में हो सकता है बंद

punjabkesari.in Tuesday, Feb 20, 2018 - 11:05 AM (IST)

नई दिल्लीः पंजाब नैशनल बैंक  (पीएनबी) में हुए 11400 करोड़ रुपए के महाघोटाले के बीच अगले महीने बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) पर ताला लटक जाएगा। बैंकों को मानव संसाधन विकसित करने में मदद करने के लिए गठित इस बोर्ड के चेयरमैन विनोद राय का कार्यकाल भी मार्च में ही समाप्त हो रहा है। ऐसा लग नहीं रहा है कि सरकार उनके बाद किसी को इस पद पर नियुक्त करेगी। राय को सरकारी बैंकों में प्रबंधन स्तर के अधिकारियों में कारोबारी आचार और कार्यशैली विकसित करने के लिए सरकार को सलाह देने का जिम्मा सौंपा गया था।

सरकारी बैंकों में कर्मचारियों की गुणवत्ता सुधारने की अपेक्षाओं पर ब्यूरो खरा नहीं उतर पाया। पिछले हफ्ते के अंत में पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने अपने महाप्रबंधक (मानव संसाधन) को जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया था। उसके फौरन बाद ब्यूरो को समाप्त करने का फैसला दर्शाता है कि नीरव मोदी जैसे लोग बार-बार बैंकों में सेंध कैसे लगा जाते हैं। दरअसल घोटालेबाज इन बैंकों में मानव संसाधन के अकुशल प्रबंधन की कमजोरी का लाभ उठाते हैं। केंद्र सरकार ने ये खामियां दूर करने के लिए ही दो साल पहले फरवरी, 2016 में भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय के नेतृत्व में बैंक बोर्ड ब्यूरो बनाया था। उसमें शीर्ष बैंक अधिकारियों के साथ वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव और भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर शामिल थे। लेकिन ब्यूरो ने बैंकों में कार्यकारी स्तर के पदों के लिए चयन के अलावा कुछ नहीं किया।

उधर पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे सरकारी बैंकों ने प्रोबेशनरी अधिकारी के लिए सेवा में प्रशिक्षण की अवधि 24 महीने से घटाकर 1 वर्ष कर दी है। पीएनबी ने तो अपने ट्रेजरी और विदेशी मुद्रा परिचालन अधिकारियों को लंबे समय से रिफ्रेशर प्रशिक्षण के लिए ही नहीं भेजा है। बैंक के एक उच्चाधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं है, ये अपना काम नहीं जानते हैं।
 
 


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