‘31 प्रमुख बैंकों में कोष लागत में वृद्धि की आशंका’

punjabkesari.in Monday, May 22, 2017 - 11:31 AM (IST)

नई दिल्लीः देश की अर्थव्यवस्था में आगे और सुधार होना तय है जिसका कारण विदेशों में वित्त की व्यवस्था में वृद्धि, पर्याप्त कोष तथा घरेलू आर्थिक गतिविधियों में तेजी है। हालांकि अप्रैल-जून तिमाही के लिए सर्वे में शामिल 31 प्रमुख बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों ने निकट भविष्य में कोष की लागत में वृद्धि की आशंका भी जताई। इसका कारण निकट भविष्य में नकदी की कमी होना है। इससे बैंकों द्वारा कंपनियों को दिए जाने वाले कर्ज भी प्रभावित होंगे जो अधिक फंसे कर्ज जैसे मुद्दों से जूझ रहा है। यह सर्वे बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों की अपेक्षाओं का पता लगाने के लिए किया गया।एन.पी.ए. 6 लाख करोड़ रुपए से अधिकसरकार ने हाल ही में रिजर्व बैंक को व्यापक विधायी शक्तियां प्रदान कीं ताकि वह बैंकों को फंसे कर्ज की वसूली के लिए शोधन कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दे सके। 

उल्लेखनीय है कि बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एन.पी.ए.) 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक पहुंच गई हैं। अधिक एन.पी.ए. से बैंकों की कंपनियों को कर्ज देने की क्षमता प्रभावित होती है। वहीं उद्योग मंडल सी.आई.आई. के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘वित्तीय स्थिति सूचकांक में सुधार भारतीय वित्तीय क्षेत्र में उम्मीद को बताता है। इसका कारण खपत में वृद्धि, बुनियादी ढांचे पर खर्च, जी.एस.टी. जैसे कई उल्लेखनीय सुधार तथा बैंकिंग नियमन कानून में अध्यादेश के जरिए फंसे कर्ज के समाधान के लिए पहल है।’’


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