जी.एस.टी. में कुछ राहत ‘बदलाव की गुंजाइश अभी बाकी’

punjabkesari.in Saturday, Jan 20, 2018 - 03:39 AM (IST)

1 जुलाई, 2017 को देश में जी.एस.टी. लागू किया गया था और तभी से आम लोगों और उद्योगपति एवं व्यापारी वर्ग में व्याप्त असंतोष को देखते हुए 6 अक्तूबर और 30 अक्तूबर के बाद 9 व 10 नवम्बर को जी.एस.टी. काऊंसिल की बैठकों में टैक्स ढांचे में कुछ रियायतें दी गईं। इसी सिलसिले में 13 नवम्बर, 2017 को वित्त मंत्री श्री अरुण जेतली ने जी.एस.टी. में और फेरबदल का संकेत देते हुए कहा था कि ‘‘सरकार के राजस्व को देखते हुए ऐसा किया जाएगा।’’ 

अब आम बजट से पहले 18 जनवरी को हुई जी.एस.टी. काऊंसिल की बैठक में लोगों को राहत देते हुए जी.एस.टी. काऊंसिल ने 54 सेवाओं और 29 वस्तुओं पर जी.एस.टी. की दरें घटाने का फैसला किया है। ये दरें 25 जनवरी से लागू हो जाएंगी और इससे आम लोगों को कुछ राहत मिलेगी। जी.एस.टी. दरों में पिछली रियायतें हिमाचल और गुजरात के चुनावों के आसपास दी गई थीं और यह भी एक संयोग ही है कि 18 जनवरी को जी.एस.टी. दरों में और राहतों की घोषणा के साथ ही चुनाव आयोग द्वारा पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में 18 और 27 फरवरी को विधानसभा चुनावों की घोषणा की गई है। 

जैसा कि हमने इस संबंध में अपने 11 नवम्बर, 2017 के संपादकीय ‘आम उपयोग वाली वस्तुओं पर जी.एस.टी. दर घटाकर 18 प्रतिशत की गई’ में लिखा था, ‘‘बेशक टैक्स स्लैब में कुछ छूट दी गई है परंतु इतना ही काफी नहीं है तथा इस संबंध में और बहुत कुछ करना बाकी है।’’ इसी प्रकार जो रियायतें अब दी गई हैं वे रियायतें अवश्य हैं परंतु बहुत कम हैं अत: सरकार को चाहिए कि वह अभी और कुछ बैठकें छोटे और दरम्याने दर्जे के व्यापारियों, उद्योगपतियों व अन्य लोगों के साथ करके आने वाले दिनों में इसमें और सुधार लाए ताकि लोगों को राहत मिले और जो छोटे और मध्यम दर्जे के व्यापारी बहुत दिनों से नुक्सान झेल रहे हैं उनकी गाड़ी पटरी पर आ सके।—विजय कुमार


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News